सहारनपुर। तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपनी गहरी जड़ें जमा ली थीं। शामली के कांधला से ताल्लुक रखने के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में उनकी रिश्तेदारियां हैं। पुलिस की जांच में सामने आ रहा है कि सहारनपुर से लेकर मुजफ्फरनगर व शामली जिलों में मौलाना साद का बड़ा नेटवर्क है। सहारनपुर विदेशी तथा मुजफ्फरनगर भारतीय जमातियों का हॉट स्पॉट बन चुका था। अब पुलिस तथा खुफिया इकाई मौलाना के इस नेटवर्क को तलाशने में लगी है, ताकि यह पता चल सके कि इन हॉट स्पॉट सेंटरों को संचालन के लिए सिग्नल कहां से मिल रहे थे।
तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद की गिरफ्तारी बेशक दिल्ली पुलिस की चिता का विषय हो, लेकिन पश्चिम उप्र के जनपदों में तब्लीगी जमात का इतना विशाल नेटवर्क देखकर यूपी पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार सहारनपुर मंडल के तीन जनपदों में सहारनपुर विदेशी जमातियों की गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र बनकर सामने आया है। एक फरवरी 2020 के बाद तब्लीगी जमात में शामिल होकर मंडल में पहुंचने वाले विदेशियों की संख्या कुल 90 रही, जिसमें सर्वाधिक विदेशी जमाती सहारनपुर ही पहुंचे। सहारनपुर में 57 विदेशी जमाती मस्जिदों में मिले। मुजफ्फरनगर में 12 और शामली में 21 विदेशी जमाती मिले। सहारनपुर के बाद शामली इनकी पसंद बना।
माना जा रहा है कि मौलाना साद के कांधला कस्बे का होने के कारण विदेशियों ने सहारनपुर के बाद कांधला को प्राथमिकता दी। हालांकि उप्र के अलावा गैर राज्यों के जमातियों को मुजफ्फरनगर ज्यादा पसंद आया। मंडल में कुल 373 गैर राज्यों के जमाती निकले, इनमें सर्वाधिक 170 मुजफ्फरनगर में मिले। सहारनपुर दूसरी पसंद रहा। यहां पर 105 जमाती निकले। शामली में मात्र 98 जमाती मिले। इन आंकड़ों से साफ है कि विदेशी जमातियों के लिए सहारनपुर हॉट स्पॉट हैं।
सहारनपुर में सभी विदेशी जमातियों को चिन्हित कर लिया गया है। इन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है। इसमें किर्गिस्तान का जमाती कोरोना संक्रमित है।- अखिलेश कुमार सिंह, डीएम सहारनपुर।